देहरादून। न्यूनतम मानदेय 18 हजार रुपये करने समेत अन्य मांगों को लेकर आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने हुंकार भरी है। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने आतंकी हमले में शहीद सैनिकों के शोक में आक्रोश रैली स्थगित कर दी। लेकिन, परेड ग्राउंड में जोरदार प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकर्ता परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुईं। यहां सबसे पहले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा आयोजित हुई। इस दौरान यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने आक्रोश रैली स्थगित कर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
धरने में कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी की। उन्होंने केंद्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगा न्याय करने की मांग की। दोपहर करीब डेढ़ बजे अपर तहसीलदार बीपी जगूड़ी मौके पर पहुंचे और उनके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित किया। धरने में यूनियन की उपाध्यक्ष कलावती चंदोला, नीरज यादव, सुनीता चौहान, आदेश, मधु जैन, मंजू ठाकुर समेत अन्य शामिल रहे।
ये हैं मुख्य मांगें
-46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशें लागू हों। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर ग्रेच्युटी, पेंशन की व्यवस्था। स्कीम वर्करों की भांति मानदेय दिया जाए। शैक्षिक योग्यता के आधार पर एएनएम के पदों पर नियुक्त किया जाए। आशा एवं उनके परिवार को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिले। सर्दी व गर्मी की यूनिफार्म मिले। आशा वर्कर्स को मरीजों को लाने ले जाने के दौरान सुरक्षा मिले। कार्यकर्ताओं को कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा मिले।