गाजणा उत्तरकाशी।
बंजर भूमि को उर्वरक बनाने के लिए प्रोफेसर मधु थपलियाल ने बेड़ा उठाया है, श्रीमती थपलियाल वर्तमान में आरसीयू पीजी कॉलेज उत्तरकाशी में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। तकनीकी स्रोत केंद्र धौंत्री में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें की मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम प्रधान नैपढ़ माता प्रसाद भट्ट रहे।
श्री भट्ट ने कहा कि उनके गाँव से ९५% लोग रोजी रोटी के लिए पलायान कर चुके हैं, गाँव वीरान पड़ा हैं और जमीने बंजर है, ऐसे में ग्रामीणों को हल्दी की खेती के लिए उत्साहित करना ग्रामीणों को गाँव की और तो लायेगा ही अपितु उनको आत्मनिर्भर भी बनाएगा। हल्दी परियोजना की प्रणेता प्रो० मधु थपलियाल ने महिलाओं तथा अन्य को संबोधित करते हुये बताया कि गाँव में जितने भी बंजर पड़े खेत हैं, उन सब में हल्दी लगायें। लोग मेहनत करे और अपना रोजगार खड़ा कर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने महिलायों को प्रेरित करते हुये कहा कि वे अपने साथ साथ अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रोजगार तैयार कर सकती हैं।उन्होंने बड़े प्रसन्न होकर बताया कि आज गाज़णा हल्दी की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रहे है। कार्यशाला में ग्राम गढ़ की अनुसूचित जाती की महिला समूह, ग्राम प्रधान भेटीयारा, क्षेत्र पंचायत भेटीयारा, ग्राम प्रधान चौन्दियाट गाँव समेत अन्य कृषकों को गाज़णा हल्दी का वितरण किया गया।
भेटीयारा के ग्राम प्रधान कुशला नौटियाल ने कहा कि अगर हम लोग प्रो० मधु थपलियाल के द्वारा बताये गये तकनीकों का अनुसरण करेंगे तो ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।ग्राम सभा चौन्दियाट गाँव के ग्राम प्रधान श्री मुलायम सिंह ने प्रो० मधु थपलियाल का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उनको अपने ग्राम सभा की बंजर पडी भूमि में कुछ आशा की किरण नज़र आ रही है और वो मेहनत से इस कार्य को करवाएंगे। नरोत्तम ने कहा कि उनकी अधिकाँश भूमि बंज़र है परन्तु वो आज इस गाज़णा हल्दी की खेती करने के लिए अति उत्साहित हैं। गढ़ की महिला कृषक श्रीमती रीना ने कहा कि प्रो० मधु उन लोगों के लिए अच्छा काम कर रही है और हमे अपनी मेहनत से रोजगार देती हैं और समाज के लिए सोचती हैं, इसके लिए उन्होंने प्रो० मधु को धन्यवाद दिया।
कार्यशाला में रेखा, लक्ष्मी, गंगा राम, पूरण, पुष्पा, हेमलता, विजयलक्ष्मी, मथुरा देवी, जगता, कवी राम, श्री देवराज आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन तथा अतिथियों ग्राफ़िक एरा डीम्ड वि० वि० के प्रो आशीष थपलियाल ने किया।