अहमदाबाद। पाटीदार आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल 12 मार्च (मंगलवार) को गांधीनगर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए हार्दिक ने अप्रैल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के बैनर तले विसनगर में अपना पहला आंदोलन किया था। भाजपा विधायक के कार्यालय पर तोड़फोड़ और आगजनी के बाद हार्दिक चर्चा में आए थे। पिछले साल जुलाई में विसनगर कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दो वर्ष की सजा सुनाई थी।
इस सजा के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की है जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। अगर सजा में राहत नहीं मिलती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक दो वर्ष की सजा मिलने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) के तहत कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।
साबित हुआ कि हार्दिक कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे : रूपाणी
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि हार्दिक के कदम से यह साबित हो गया कि वह कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे। उनका आंदोलन भी कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए चलाया जा रहा था। हार्दिक ने अपने समुदाय को धोखा देने के साथ ही युवाओं को गुमराह किया है। अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो पाटीदार समुदाय उनको करारा जवाब देगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि अभी तक हार्दिक सामाजिक आंदोलन चला रहे थे। उनके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी मजबूत होगी।