उत्तरकाशी,
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने चारधाम यात्रा के दौरान जिले में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों व गुणवत्ता पर नियंत्रण रखे जाने के लिए अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं केन्द्रों पर दर सूची आवश्यक रूप से प्रदर्शित कराने के साथ ही वस्तुओं व सेवाओं की गुणवत्ता भी सुनिश्चित कराई जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रियों से अधिक कीमत वसूले जाने के मामलों सख्ती से कार्रवाई की जाय और खाद्य पदार्थों की भी नियमित रूप से सैम्पलिंग करें।
इसी सिलसिले में जिला पर्यटन विकास अधिकारी के.के. जोशी ने भी एक परिपत्र जारी कर कहा है कि चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थित होटल, होम स्टे, रेस्तरां सहित समस्त व्यवसायिक आवासीय एवं खान-पान इकाइयों को अनिवार्य रूप चार धाम यात्रा आरंभ होने से पूर्व जिला पर्यटन कार्यालय से अपनी दरें अनिवार्य रूप से स्वीकृत करवानी होंगी। प्रत्येक प्रतिष्ठान के रिसेप्शन अथवा सूचना-पट पर स्वीकृत दरों की सूची को अनिवार्य रूप से चस्पा किया जाना होगा। यदि यात्रा काल में कोई भी व्यवसायी स्वीकृत दरों से अधिक दरों पर भोजन अथवा आवासीय सुविधाओं का विक्रय करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि सभी आवासीय एवं खान-पान पान इकाइयों को संचालन से पूर्व उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। गैर पंजीकृत इकाइयों का संचालन करने की दशा में पर्यटन विभाग द्वारा चालान की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसी इकाइयों को सलाह दी है कि वे तत्काल पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण हेतु आवेदन करना सुनिश्चित करें। ट्रैवल ट्रेड नियमावली 2014 (यथा संशोधित 2016) के मानकों के अनुसार, नियम विरुद्ध होटल/ पर्यटन व्यवसाय का संचालन करने वाली इकाइयों पर दस हजार रूपये का आर्थिक दंड आरोपित किया जा सकता है।