देहरादून। खांसी जुकाम से लेकर मरहम पट्टी तक, ये बड़ी से बड़ी बीमारी पर भी केस हाथ में लेने से नहीं चूकते। फिर चाहे किसी की जान पर ही क्यों न बन आए। हम बात कर रहे हैं उन झोलाछापों की जो गली-मोहल्लों से लेकर गांवों तक में अपना धंधा जमा चुके हैं। बंजारावाला क्षेत्र में चार ऐसे क्लीनिक सील किए गए। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से आसपास अफरातफरी का माहौल रहा। कई संचालकों ने अपने क्लीनिक बंद तक कर दिए।
स्वास्थ्य महकमा आवश्यकता के मुताबिक डॉक्टरों का इंतजाम नहीं कर पाया है। जिसका फायदा झोलाछाप बखूबी उठा रहे हैं। खासकर वहां, जहां स्वास्थ्य सेवाएं मयस्सर नहीं हैं। दून में ही गली-गली में ऐसे कई क्लीनिक खुल गए हैं। पर अब स्वास्थ्य विभाग ने इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसीएमओ डॉ. केके सिंह की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की संयुक्त टीम ने बंजारावाला स्थित कारगी ग्रांट क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने पब्लिक हेल्थ केयर, रूहानी दवाखाना, मेदास क्लीनिक और कोमल ऑर्थो उपचार केंद्र संचालकों द्वारा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण व योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र न दिखाने पर क्लीनिक सील कर दिया।
टीम की कार्रवाई की सूचना जैसे ही क्षेत्र के अन्य संचालकों को लगी, सभी ने अपने क्लीनिकों को बंद करना शुरू कर दिया। एसीएमओ डॉ. केके सिंह ने बताया कि दून के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों तक भी यह अभियान चलाया जाएगा। जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
ईएनटी विभाग में एंडोस्कोपी मशीन खराब, ऑपरेशन ठप
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की बूढ़ी मशीनें मरीजों को तकलीफ दे रही हैं। आए दिन यहां कोई न कोई मशीन खराब हो जाती है। इस बार ईएनटी विभाग में एंडोस्कोपी मशीन खराब हो गई है। इस कारण कई ऑपरेशन लटक गए हैं। ताज्जुब यह कि कुछ मरीज दो माह बाद भी ऑपरेशन का इंतजार कर रहे हैं। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मशीन जल्द ही ठीक करा ली जाएगी।
दून निवासी कोनार्क शर्मा ने नाक की हड्डी टेड़ी होने पर जनवरी माह में अस्पताल के ईएनटी विभाग में दिखाया था। उन्हें दो माह बाद 13 मार्च बुधवार की तिथि मिली। वह अस्पताल में भर्ती भी हो गए। एक दिन बाद उन्होंने चिकित्सक से संपर्क किया तो पता चला कि ऑपरेशन निरस्त हो गए हैं। उन्होंने कारण पूछा तो बताया गया कि एंडोस्कोपी मशीन खराब हो गई है। मशीन कब तक ठीक होगी, इसका भी जवाब उन्हें नहीं मिला।
उन्होंने इसकी शिकायत चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा से की। डॉ. टम्टा ने बताया जल्द ही मशीन ठीक हो जाएगी। उधर, कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. पीयूष त्रिपाठी का कहना है कि अस्पताल में नाक, कान और गले के ऑपरेशन के लिए हर तरह के उपकरण उपलब्ध हैं। दून अस्पताल पर यूं भी मरीजों का अत्याधिक दबाव रहता है। ऐसे में मरीज कोरोनेशन आ सकते हैं।