उत्तरकाशी,
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने गर्भ में लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावी रोक लगाए जाने के लिए पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के प्राविधानों को सख्ती से लागू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि इस बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए जिले में एक माह का विशेष अभियान संचालित कर दो सौ भी अधिक स्थानों पर स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला की अध्यक्षता में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी-पीएनडीटी) अधिनियम के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की जिला सभागार में आयोजित बैठक में अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के साथ ही जिले के बाहर कराए जाने वाले प्रसव पूर्व नैदानिक परीक्षणों पर भी कड़ी निगरानी रखे जाने हेतु संबधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि तुलनात्मक रूप से बालिकाओं का जन्म की कम दर वाले क्षेत्रों की पहचान कर ऐसे इलाकों पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर वहां पर लैंगिक असंतुलन को दूर करने के कारगर प्रयास किए जांय। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अन्य विभागों तथा जन-प्रतिनिधियों एवं आम जनता के सहयोग से निरंतर प्रयास करने होंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के दौरान गांवों के भ्रमण के मौके पर भी अधिकारी पीसी-पीएनडीटी एक्ट के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे।
बैठक में तय किया गया कि पीसी-पीएनडीटी एक्ट के प्राविधानों की जानकारी के प्रचार-प्रसार और प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के प्रयासों में आम लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिले में शीघ्र ही एक माह का विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग का प्रत्येक चिकित्सालय कम से कम दो गांवों या कस्बों में स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन करेगा। जिला अस्पाताल के स्तर से भी ऐसे लगभग 10 आयोजन किए जाएंगे। स्वास्थ्य चौपाल में लोेगों को पीसी-पीएनडीटी एक्ट की जानकारी देने के साथ ही स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही इस मुहिम में अन्य विभाग और स्वैच्छिक संगठनों, पंचायतों, नगर निकायों को भी जोड़ा जाएगा। अभियान में जन-प्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी महिलाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार, नए ऑपरेशन थिएटर के निर्माण एवं मरीजों व तीमारदारों की सुविधाओं को लेकर भी चर्चा करते हुए कहा कि इस संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा कर एक ठोस रोडमैप तैयार कर लिया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर आयोजित बैठक में वह स्वयं भाग लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर किए जाने के उपायांे पर चर्चा करेंगे।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.सी.एस.पंवार, प्रमुख अधीक्षक जिला चिकित्सालय डा.बी.एस.रावत, बाल रोग विशेषज्ञ डा. दानिश जमाल, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. खुशबू पुजारी, विधिक सलाहकार पमिता पैन्यूली थपलियाल, रेणुका समिति के अध्यक्ष संदीप उनियाल, रेडक्रास समिति के सचिव शैलेन्द्र नौटियाल, जिला समन्वयक गिरीश व्यास आदि उपस्थित रहे।