खाद्यान्न में हुई हेराफेरी के मामले में आरएफसी ने दिए जांच के आदेश

देहरादून। बीती रात टर्नर रोड पर पकड़े गए चावल के 30 बोरे ट्रांसपोर्टनगर स्थित सरकारी गोदाम का ही खाद्यान्न था। गुरुवार को गोदाम से सरकारी खाद्यान्न राशन की दुकानों के लिए भेजा गया, लेकिन इसी बीच में खाद्यान्न में हेरफेरी कर यह खाद्यान्न कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा था। खाद्यान्न की कालाबाजारी का भंडाफोड़ होने के बाद संभागीय खाद्यान्न नियंत्रक (आरएफसी) भी सकते में हैं। आरएफसी चंद्र सिंह धर्मशक्तू ने पूरे मामले की डीएसओ को जांच के आदेश दे दिए हैं।

सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी उजागर होने से एक बार फिर गोदाम वितरण व्यवस्था सवालों के घेरे में है। भले ही बीते महीने आरएफसी ने गोदाम प्रभारी समेत पूरा स्टाफ हटा दिया हो, लेकिन गोदाम से सरकारी खाद्यान्न की लूट बदस्तूर जारी है। यह मामला उजागर होने अब आरएफसी भी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।

उन्होंने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और डीएसओ को विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। आरएफसी के अनुसार, पकड़े गए लोडर वाहन संख्या गोदाम से रवाना हुए पंजीकृत वाहनों में नहीं मिली है। आरएफसी ने भी स्वीकार किया कि यह खाद्यान्न कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा था। हालांकि उनका कहना यह है कि खाद्यान्न में गड़बड़ी गोदाम से बाहर की गई है।

एक-दूसरे के सिर मढ़ रहे दोष 

आरएफसी का तर्क है कि खाद्यान्न की गड़बड़ी गोदाम से बाहर की गई है, इसीलिए यह प्रकरण आपूर्ति विभाग का है। वहीं, डीएसओ कार्यालय के अधिकारियों को कहना है कि गोदाम से जब तक खाद्यान्न हैंडओवर नहीं हो जाता, यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

बोले अधिकारी

चंद्र सिंह धर्मशक्तू आरएफसी। का कहना है कि  पकड़ा गए वाहन संख्या गोदाम से रवाना हुए पंजीकृत वाहनों में नहीं है। इससे खाद्यान्न की कालाबाजारी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन, इतना भी जरूर है कि यह गड़बड़ी गोदाम से बाहर हुई है। डीएसओ को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

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