उत्तरकाशी, प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती किए जाने का शिक्षकों ने विरोध जताया है। शिक्षकों ने शुक्रवार को मुख्य शिक्षा कार्यालय के बाहर धरना देकर जमकर प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि विभाग और सरकार लगातार ही राजकीय शिक्षकों की पदोन्नति को रोक रही हैं और शिक्षकों को सीधी भर्ती परीक्षा के माध्यम से लगभग 95 प्रतिशत से अधिक संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति को न करते हुये अनावश्यक रूप से लिखित परीक्षा आयोजित कर रहें हैं। जिसका वह पूरजोर विरोध करते हैं।
शुक्रवार को राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष अतोल महर की अध्यक्षता में सीईओ कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। जहां शिक्षकों ने प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का विरोध जताया। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष महर ने कहा कि प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर विभाग द्वारा पदोन्नति न कर सीधी भर्ती की जा रही है। इससे 30 से 35 साल तक सेवा करने वाले शिक्षक एक ही पद से रिटायर हो रहे हैं। जबकि प्रधानाचार्य के 95 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। कहा कि शिक्षक प्रधानाचार्य पदों पर वर्षों से चली आ रही शत-प्रतिशत पदोन्नति को ही हर हाल में लागू करना चाहते हैं। लेकिन सरकार, शासन एवं विभाग लगातार शिक्षकों की भावना को दरकिनार करते हुए निर्णय ले रही है। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि यदि शिक्षकों को प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति नहीं दी गई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
धरना प्रदर्शन में पुरुषोतम धीमान, साधना जोशी, संदीप बधानी, हिमानी मटूड़ा, पुरुषोतम सैंसवाण, अरविन्द भट्ट, शांति प्रसाद नौटियाल, राजपाल , राजेश नौटियाल, पुरुषोतम सैंसवाण, वीरेन्द्र बसियाल, गीतांजलि जोशी, अनिल रावत, चंद्र विनोद मुल्ल, मनोज परमार, महेश उनियाल, गिरीश नौटियाल, राजीव नयन ब्रहुगुणा, विनोद नौटियाल, संजीव डोभाल, विपिन थपलियाल, गंभीर राणा, प्रवेश, सुरेन्द्र चौहान, राकेश रमोला सुशपाल भण्डारी, दीपक नेगी अवतार चौहान, सुशील उर्मियाल, विरेन्द्र नौटियाल, उमा रमण सेमवाल मौजूद रहे।