– भारतीय सेना व उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से आयेाजित किया गया अभियान
– चारधाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना है उद्देश्य
उत्तरकाशी,
गढ़वाल क्षेत्र के रोमांच, विरासत और सत्तत विकास को लेकर आयोजित भारतीय सेना व पर्यटन विभाग का सूर्य देव भूमि चैंलेंज 2025 अभियान शुक्रवार को नेलांग घाटी से शुरू हो गया। 18 से 20 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान में सेना की ओर से 110 किमी. की साइकिलिंग जो नेलांग से हर्षिल होते हुए भटवाड़ी व 40 किमी. ट्रेल रनिंग जो भटवाड़ी से ब़ुढाकेदार व आखिरी दिन ट्रेल के साथ वैली रन शामिल है, जो त्रियुगीनारायण से शुरू होकर सोन प्रयाग में संपंन होगी। इस अभियान में प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों का भ्रमण करने के साथ ही अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलेपन का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का भी अनुभव करेंगे।
उत्तराखंड पर्यटन और रेडियो मिर्ची के सहयोग से भारतीय सेना की सूर्या कमान द्वारा आयोजित सूर्य देव भूमि चैलेंज 2025 अभियान का शुभारंभ गत गुरूवार को उत्तरभारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने किया। इस मौके पर उन्होंने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। कहा कि यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिवद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसरों के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है। कहा कि सूर्य देव भूमि चैलेंज का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना का जश्न मनाया जायेगा।