सुरंग की फिनिशिंग में लगेगा एक-डेढ़ साल का वक्त
जल्द ही यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद
उत्तरकाशी, यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन चर्चित सिलक्यारा पौलगांव सुरंग आर-पार हो गयी है। सुरंग के आरपार होने के बाद आने वाले समय में जल्द ही यहां से चारधाम यात्री वाहनों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद जगी है। इससे यमुनोत्री धाम की दूरी 28 किमी घट जाएगी।
चारधाम सड़क परियोजना में वर्ष 2018 में करीब 853.79 करोड़ की लागत से ब्रह्मखाल के नजदीक यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पौलगांव सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था, जिसे 2022 में बनकर तैयार होना था, लेकिन फिर इसका निर्माण लक्ष्य आगे बढ़ता गया। एनएचआईडीसीएल ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस परियोजना को 31 जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है, सुरंग परियोजना की कुल लागत 1383.708 करोड़ रुपये है। भौतिक रूप से गत 31 दिसंबर तक सुरंग का 62.24 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। इस साल मार्च तक सुरंग का कार्य पूरा होने के साथ ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जानी थी, लेकिन 12 नवंबर 2023 को सुरंग के सिलक्यारा मुहाने के पास हुए भूस्खलन हादसा के कारण सुरंग निर्माण का काम दो ढाई माह तक बंद रहा। 23 जनवरी 2024 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सुरंग निर्माण शुरू करने की अनुमति दी। जिसके बाद सिलक्यारा छोर से टनल की स्ट्रेंथनिंग, पानी निकालने और फिर मलबा हटाने के बाद ही निर्माण शुरू हो गया था। ऐसे में सुरंग के ब्रेक थ्रू यानी आर-पार होने में एक साल का समय लग गया। अब सुरंग सिलक्यारा से पौल गांव तक पूरी तरह आरपार हो चुकी है। सुरंग के बनने से सिलक्यारा और बड़कोट के बीच करीब लगभग 28 किमी की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यमुनोत्री धाम का सफर भी जल्द पूरा होगा।
फिनिशिंग में लगेगा एक-डेढ़ साल का वक्त
एनएचआईडीसीएल के महाप्रबन्धक मौ. शादाब इमाम ने खुशी जाहिर करते हुए सुरंग से जुड़े सभी अधिकारियों व कार्यदायी संस्था के कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि अब ब्रेक थ्रू होने के बाद अवशेष काम पूरा करने में लगभग एक डेढ़ साल का समय लग सकता है। कोशिश रहेगी कि अगले यात्रा सीजन तक सुरंग से आवाजाही शुरू हो।
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16 को सीएम पहुंच सकते हैं
सिलक्यारा सुरंग आर-पार होने के बाद संभवतः 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी यहां पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार सीएम धामी सुरंग के आरपार होने का विधिवत शुभारंभ करेंगे।
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स्काडा सिस्टम से नियंत्रित होगा ट्रैफिक
इस सुरंग में करीब 150 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रो मैकेनिक कार्य किए जाएंगे, जिसमें इटली से मंगवाकर फायर सप्रेशन सिस्टम भी लगाया जाएगा। इस सिस्टम के तहत सुरंग में हजारों की संख्या में नोजल लगे होंगे, जो कि सेंसर के जरिए तापमान बढ़ने और आग का पता लगने पर चालू होकर पानी की फुहारों से आग को फैलने से रोक देंगे। वहीं, सुरंग के दोनों किनारों पर बनने वाले कंट्रोल रूम से सुरंग में ट्रैफिक सहित कैमरे, सेंसर व फायर सप्रेशन सिस्टम को स्काडा यानी कि पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण तकनीकी से नियंत्रित किए जाने की योजना है। सुरंग के अंदर बीचो बीच बनाई जा रही दीवार निर्माण के कार्य के साथ सुरंग के सिलक्यारा छोर के बाहर पुल निर्माण, दीवार निर्माण व सुरंग के दोनों छोरों पर कंट्रोल रूम आदि का निर्माण शामिल है।
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भूस्खलन हादसे से चर्चा में आई थी सुरंग
सिलक्यारा सुरंग 12 नवंबर 2023 में हुए भूस्खलन हादसे के बाद चर्चा में आई थी, जहां अंदर 41 श्रमिक 17 दिन तक फंसे रहे। सघन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी श्रमिकों को सुरंग से सकुशल बाहर निकाला गया था। वर्तमान में सिलक्यारा छोर से भूस्खलन का मलबा हटाने के लिए तीसरी व आखिरी ड्रिफ्ट टनल का काम अंतिम चरण में है, जो कि 28 से 30 मीटर शेष है। सिलक्यारा छोर से पहले डी-वाटरिंग की गई। उसके बाद भूस्खलन का मलबा हटाने के लिए तीन ड्रिफ्ट टनल बनाई जा रही है।