माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के मासिक प्लान के अन्तर्गत सुश्री दुर्गा शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आज जिला उत्तरकाशी के बंदियों हेतु आॅनलाइन बेविनार के माध्यम से विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजित किया गया।
वेबिनार में सुश्री शर्मा सचिव द्वारा नई टिहरी कारागार में जनपद उत्तरकाशी के सभी विचाराधीन को अभिवचन का संपणन (plea-bargaining) के सम्बन्ध में जानकारी दी गई, जिसमें उन्हें दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 265A से 265L तक की प्रक्रिया के सम्बन्ध में बताया गया जिसमें कि आवेदन सम्बन्धित, पारस्परिक रूप से संतोषजन निस्तारण के लिए दिशा निर्देश, न्यायालय के समक्ष आख्या, मामले का निस्तारण, न्यायालय का निर्णय एवं निर्णय की अन्तितमा के बारे में जानकारी दी गयी, साथ ही सभी कैदियों के साथ सवाल-जवाब भी किये गये।
वेबिनार में सचिव ने जमानत के विभिन्न प्रावधानों के बारे मेें बताया कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के उपरान्त सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसकी जमानत का है जमानत के आधार पर अपराध दो प्रकार के है, जमानतीय तथा गैर जमानतीय अपराध।
जमानतीय अपराध में अभियुक्त को जमानत पर रिहा किये जाने का प्रावधान है, तथा यह उसका संवैधानिक अधिकार भी है कि उसे जमानतीय अपराध में जमानत पर रिहा किया जाय। जमानतीय मामलों में जमानत अभियुक्त के व्यक्तिगत बंध पत्र पर अथवा विश्वसनीय जमानती के आधार पर प्रदान की जा सकतीे है। गैर जमानतीय अपराध के सम्बन्ध में बताया गया कि गैर जमानतीय अपराध में जमानत प्राप्त करने का अभियुक्त का अधिकार नहीं है l अपितु यह न्यायालय के विवेकाधिकार के अधीन है विभिन्न न्यायालयोें के न्याय निर्णयों द्वारा यह सिद्वान्त स्थापित किया जा चुका है, कि यह विवेकाधिकार कानून तथा नियमों के अनुरूप इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
वेबिनार में प्रत्येक निरूद्ध कैदियों को उनकी समस्या पूछी गयी। जिसमे कैदियों द्वारा बताया गया कि वे अपने अधिवक्ता से सम्पर्क नही कर पा रहे है, जिस हेतु उक्त कैदियों की वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से अधिवक्ता से वार्ता करवायी गयी।
वेबिनार के दौरान जेल अधीक्षक अनुराग मलिक, एवं कुल 04 महिला विचारधीन बन्दी, 01 दोष सिद्व महिला एवं कुल 60 पुरूष विचारधीन बन्दी, 26 दोष सिद्व पुरूष उपस्थित थे ।