भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के बिना अधूरा है जीवन -रमेश भाई
– सांदीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान (गुजरात) के ऋषिकुमार कर रहे महापुराण के मूल श्लोकों का वाचन
उत्तरकाशी,वैश्विक संस्कृति परिवार द्वारा रामलीला में आयोजित श्रीमदभागवत कथा का वाचन करते रमेश भाई ओझा ने कहा कि भक्ति, ज्ञान और वैराग्य तीनों मिलकर जीवन को संपूर्ण बनाते हैं। यदि कोई एक भी कम हो, तो जीवन अधूरा रह जाता है।
मंगलवार को रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन का शुभारंभ व्यास पीठ पर विराजमान रमेश भाई ओझा ने श्रीमद्भागवत के महात्म्य से की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत ग्रंथ नही बल्कि जीवन का अमृत है। जो मृत्यु से डर को नहीं, बल्कि मृत्यु को महोत्सव में बदलने की कला सिखाता है। कहा कि जिस प्रकार समुद्र मंथन का अमृत देवताओं को सहजता से प्राप्त हुआ। वैसे ही श्रीमद्भागवत का श्रवण किसी साधारण पुण्य से नहीं मिलता। यह तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, और जब किसी को इसका अवसर मिलता है। तो समझना चाहिए कि उनके कई जन्मों के पुण्य उदय हुए हैं।
इस मौके पर रवि लखानी ओझा ने बताया कि वैश्विक संस्कृति परिवार की ओर से रामलीला मैदान में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन प्रातःकाल में श्री सांदीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान (गुजरात) के ऋषिकुमारों द्वारा भागवत महापुराण के मूल संस्कृत श्लोकों का पारायण हो रहा है।