कोच्चि : सबरीमाला मंदिर में रजस्वला उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर के ‘शुद्धिकरण’ को लेकर केरल के एक वरिष्ठ मंत्री ने शनिवार को मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) पर निशाना साधते हुए उन्हें ब्रह्मराक्षस कहा। बता दें कि बुधवार को कनकदुर्गा (44) और बिंदु (42) नामक दो महिलाओं ने सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए मंदिर में प्रवेश किया और पूजा-अर्चना की।
दोनों महिलाओं के प्रवेश के बाद तंत्री कंदारू राजीवरू ने ‘शुद्धिकरण’ पूजा करने के लिए मंदिर का गर्भगृह बंद कर दिया। केरल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के वरिष्ठ नेता जी सुधाकरन ने पूछा, ‘क्या एक बहन के साथ अपवित्र की तरह बर्ताव करने वाले को मनुष्य समझा जा सकता है?’
‘तंत्री के मन में भगवान अयप्पा के प्रति सम्मान नहीं’
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘तंत्री जाति दानव का एक प्रतीक है। वह एक ब्राह्मण नहीं है, वह ब्रह्मराक्षस है। अगर कोई ब्राह्मण राक्षस बन जाए तो वह खतरनाक बन जाएगा। वह कोई शुद्ध ब्राह्मण नहीं है। भगवान अयप्पा के प्रति उन्हें कोई प्रेम, सम्मान और निष्ठा नहीं है।’
गौरतलब है कि कनकदुर्गा और बिंदु ने पुलिस के घेरे में मंदिर में प्रवेश किया था। पारंपरिक रूप से 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध को हटाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया था, जिसके तीन महीने बाद किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश किया।