उत्तरकाशी।
जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में बंद पड़ी दो ग्रामीण सड़कों को अविलंब खोले जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि इसके लिये आवश्यक होने पर साइट पर अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण के कार्यों पर निरंतर निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा है कि इन सड़कों को खोले जाने में देरी होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जिला मुख्यालय पर प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त सरकारी परिसंपत्तियों की पुनर्स्थापना एवं पुनर्निर्माण को लेकर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कहा कि उत्तरकाशी जिला आपदा के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। इस मानसूनकाल में जिले में घटित आपदा की घटनाओं में सभी विभागों व संगठनों द्वारा त्वरित रिस्पॉन्स देकर अच्छा कार्य किया गया है। मानसून काल में जिले के यात्रा मार्गों के साथ ही मुख्य सड़कों के अवरूद्ध होने की दशा में युद्धस्तर पर काम कर यातायात बहाल किया गया और सभी प्रमुख सड़कें कभी भी पूरे दिन बंद नहीं रहीं। जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून व्यतीत होने के बाद अब क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधारने का काम भी युद्धस्तर पर किया जाय।
बैठक में बताया गया कि जिले के दो ग्रामीण मोटर मार्ग पाव-सिरगा एवं सिमलसारी-गैर लंबे समय से बंद पड़ी हैं और इन सड़कों को खोले जाने के लिए चट्टान कटिंग व दीवाल निर्माण का काम प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई पुरोला डिवीजन तथा ब्रिडकुल के अधिकारियों को इन दोनों सड़कों को बिना किसी देरी के खोले जाने की सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर साईट पर अतिरिक्त मशीनों व मानव संसाधन की तैनाती करयुद्ध स्तर कार्य को पूरा किया जाय। संबंधित डिवीजनों के अधिकारियों को इन सड़कों को खोले जाने के लिए निरंतर साईट पर रहने के निर्देष देते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों को भी इस काम पर नजर रखने को कहा।
जिलाधिकारी ने विभागों को इस वर्ष मानसूनकाल में आपदा से प्रभावित परिसंपत्तियों की पुनर्स्थापना एवं पुनर्निर्माण से सम्बन्धित आगणन अनिवार्य रूप से आगामी 10 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा तय तिथि के बाद प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जायेगा। जिलाधिकारी ने क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों की पुनर्स्थापना एवं पुनर्निर्माण के लिए शासन के निर्देशानुसार आपदा पश्चात आवश्यकता का आकलन (पीडीएनए) की प्रक्रिया के प्रस्ताव भी अविलंब प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बगोरी सहित जिले के तमाम झूला पुलों का निरीक्षण कर इन पुलो की मरम्मत करवाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिले के विभिन्न स्थानों पर लोगों की आवाजाही के लिए स्थापित ट्रॉलियों के स्थान पर पुलों का निर्माण कराने की कार्रवाई तेजी से पूरी की जाय और स्वीकृत पुलों का निर्माण तुरंत शुरू करवाया जाय।
बैठक में अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी बृजेश कुमार तिवारी, उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला, उप जिलाधिकारी डुंडा नवाजिश खलीक, उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस रावत, जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस चौहान, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल मनोज गुसांईं, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड पुरोला पन्नी लाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।