भारत के रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र की दिग्गज सरकारी कंपनी Hindustan Aeronautics Limited (HAL) इन दिनों आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. आलम यह है कि उसके पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के लिए पैसे नहीं हैं. कंपनी को कर्ज लेकर अपने कर्मचारियों को सैलरी देनी पड़ रही है. यह मामला उस समय सामने आया है, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार पर HAL को दरकिनार कर अनिल अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को फेवर करने का आरोप लगा रहे हैं.
HAL के चीफ आर माधवन ने खुद बताया कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कर्ज लिया है. वर्तमान हालात को देखते हुए एक बात साफ है कि अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में HAL को अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में खासी दिक्कत आएगी. बताया यह भी जा रहा है कि HAL के पास अब काम की भी कमी हो गई है.
यदि HAL के साल 2003-04 से 2017-18 के बीच के डेटा देखे जाएं, तो इसकी स्थिति कभी इतनी खराब नहीं रही. HAL का कैश बैलेंस कभी इतने कम स्तर पर नहीं पहुंचा. साल 2003-04 में HAL का न्यूनतम कैश बैलेंस 4 हजार 841 करोड़ रुपये था. HAL को साल 2015-16 में 4 हजार 284 करोड़ रुपये और दिसंबर 2017 में 9 सौ 21 करोड़ रुपये के शेयर वापस लेने पड़े थे. माना जा रहा है कि इसके चलते कंपनी के कोष में इतनी ज्यादा कमी आई है.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कुछ समय से मोदी सरकार पर HAL की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि मोदी सरकार ने फ्रांस से राफेल खरीदने का सौदा छीन कर अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया. राहुल गांधी का आरोप यह भी है कि मोदी सरकार ने राफेल डील के जरिए मोदी सरकार ने अपने दोस्त अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया है. हालांकि मोदी सरकार राहुल के इन आरोपों को सिरे से खारिज करती आ रही है.