डा० केएस चौहान ने कहा मानूसन सीजन मे बच्चों को स्वास्थ्य की देखभाल की विशेष आवश्यकता होती है

मुख्य चिकित्साधिकारी डा० केएस चौहान ने जानकारी देते हुये बताया गया कि इस समय मानूसन का सीजन चल रहा है और इस समय अपने व बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल की विशेष आवश्यकता होती है क्योंकि मानसून सीजन में समुदाय स्तर पर अनेकों बीमारियां के फैलने/प्रसार का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत माह से अन्य संबंधित विभागों की सहभागिता के साथ डेंगू एवं मलेरिया के प्रति समुदाय स्तर पर निरन्तर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

इसी क्रम में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन में 01 अगस्त 2022 से 14 अगस्त 2022 को सघन डायरिया पखवाड़ा एवं 01 अगस्त 2022 से 07 अगस्त 2022 तक विश्व स्तनपान सप्ताह जनपद में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डायरिया पखवाड़े के दौरान जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस एवं जिंक काॅर्नर बनाये गये हैं जिसमें डायरिया से ग्रसित बच्चे को ओआरएस का घोल बनाकर पिलाया जायेगा तथा जिंक सल्फेट की गोली वितरित की जायेगी। साथ ही ग्राम स्तर पर प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र तथा गांव में आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा ओआरएस का घोल बनाने की विधि से समुदाय को अवगत कराया जायेगा व प्रत्येक परिवार को ओआरएस पैकेट वितरित किये जायेंगे।

इसी क्रम में गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा गोष्ठी का आयोजन कर आम जनमानस को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुये हाथ की सफाई कैसे की जानी है कि जानकारी डेमो देकर की जा रही है। इसके अतिरिक्त 01 अगस्त से 07 अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के संबंध में जानकारी दी गई कि स्तनपान नवजात शिशुओं के लिये सर्वोत्तम आहार है। माँ का दूध शिशु के व्यापक, मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है इसलिये शिशु के जन्म के एक घंटे भीतर स्तनपान कराना आवश्यक है एवं प्रथम छः माह तक केवल माँ का दूध ही दिया जाना चाहिए।

डाॅ0 केएस चौहान द्वारा बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान जनपद की समस्त स्वास्थ्य चिकित्सा इकाईयों में स्तनपान को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है एवं सामुदायिक स्तर पर आशा एवं आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से शिशुओं की माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को स्तनपान से होने वाले लाभ के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। उक्त जागरूकता अभियान के दौरान कोविड अनुरूप व्यवहार का अनुपालन भी करवाया जा रहा है।

 

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