सहकारिता कर्मियों ने नई सेवा नियमावली का जताया विरोध

– सचिव वोले किसानों व कर्मचारियों के हित में नही नई सेवा नियमावली
– सरकार से पुर्न विचार कर नियमावली को रद्द करने की मांग
उत्तरकाशी, साधन सहकारी समितियों के सचिव और कर्मचारियों ने नई सेवा नियमावली का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सेवा नियमावली से समिति संचालक मंडल को सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 तथा समितियों की आदर्श उपलब्धियों में अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। जिससे किसानों व कर्मचारियों का अहित होगा। जिसके लिए उन्होंने नियमावली को रद्द करने की मांग की है।
मंगलवार को साघन सहकारी समितियों के सचिव व कर्मचारी कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां सभी कर्मचारियों ने नई सेवा नियमावली का विरोध जताया और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि निबंधक समितियों के लोकतांत्रिक स्वरूप की हत्या कर रहे हैं। सहकारी समितियां एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो अपने संसाधनों से अपने कृषक सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति प्रदेश सरकार की नीति के अनुरुप कर रही है। प्रदेश की निबंधक सहकारी समितियां इस स्वरूप में परिवर्तन चाहती है, तो पहले कृषक सदस्यों का हिस्सा धन वापस करने की कार्रवाई की जानी चाहिए। बाबजूद इसके दो फीसद केंद्रीय समिति को कारोबार के लाभ का देने की तैयारी समितियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ज्ञापन प्रेषित करने वालों में सचिव मंगला सिंह राणा, हरि प्रसद भट्ट, शिव नारायण अवस्थी, सुखदेव नौटियाल, नवीन, रवींद्र सिंह विद्याना, राम बालक मिश्रा, भरत सिंह राणा सहित साघन समति के कर्मचारी मौजूद रहे।
22 यूकेआई 02- मंगलवार को एसडीएम नेगी को ज्ञापन प्रेषित करते सहिमारिता कर्मी

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