यमुनोत्री धाम में चिनूक की ट्रायल लैंडिंग से पहले चीता हेलीकॉप्टर ने की रेकी

बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए बड़ी मशीनें एयरलिफ्ट करेगा चिनूक हेलीकॉप्टर
गरुड़ गंगा के पास नव निर्मित हेलीपैड बना मिशन का केंद्र
उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम में आगामी बाढ़ सुरक्षा कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए अब भारतीय वायुसेना की मदद ली जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को चीता हेलीकॉप्टर ने गरुड़ गंगा के पास नव-निर्मित हेलीपैड पर पहुंचकर चिनूक हेलीकॉप्टर की संभावित ट्रायल लैंडिंग की रेकी की। मौके पर दो हेलीकॉप्टरों ने ट्रायल लैंडिंग की रेकी की।
बता दें कि सिंचाई विभाग ने यमुनोत्री धाम तक 5 किमी की कठिन और पैदल चढ़ाई वाले मार्ग से भारी मशीनों को पहुंचाने में असमर्थता जताई थी। ऐसे में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वायुसेना से सहयोग की मांग की। चीता हेलीकॉप्टर की रेकी के बाद अब मंगलवार को चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग प्रस्तावित है। गौरतलब है कि जुलाई 2024 में आई आपदा ने यमुनोत्री धाम को भारी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद धाम की सुरक्षा के लिए लगभग 17 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षा कार्य कराए जाने की योजना बनाई गई। वर्षों से बजट खर्च होने के बावजूद मशीनों की अनुपलब्धता के कारण सुरक्षा कार्य प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रहे थे। पुरोहित समाज ने धाम की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, जिसके बाद प्रशासन ने केदारनाथ की तर्ज पर यमुनोत्री में भी दीर्घकालिक बाढ़ सुरक्षा कार्य कराए जाने का निर्णय लिया। लेकिन दुर्गम मार्ग होने के कारण भारी मशीनों को सड़क के जरिए पहुंचाना संभव नहीं था। इसी चुनौती को देखते हुए हेली एयरलिफ्टिंग ऑपरेशन की योजना बनाई गई है। जिलाधिकारी डॉ. बिष्ट ने बताया कि यमुनोत्री मंदिर क्षेत्र और जानकीचट्टी में श्रीराम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं।

यमुनोत्री धाम में मंदिर और जानकीचट्टी में श्री राम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने और बड़ी मशीनों की आवश्यकता को देखते हुए भारतीय वायुसेना की मदद मांगी गई है। मंगलवार को चिनूक हेलीकॉप्टर ट्रायल लैंडिंग करेगा। इसके बाद ही मशीनों को एयरलिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-डा. मेहरबान सिंह बिष्ट, डीएम उत्तरकाशी।

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