देहरादून। हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली महिला ने अपने पति और ससुर पर जाली चेक के जरिये पांच लाख रुपये निकालने की कोशिश का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार अप्सरा ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, पंचकुला निवासी नीतू कैंथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगस्त 2017 को पति परमजीत सिंह, ससुर मंजीत सिंह, सास सुरेंद्र कौर ने उसे घर से निकाल दिया और उसके बैंक संबधित सभी दस्तावेज अपने पास ही रख लिए। मामले में तब पंचकूला थाने में रिपोर्ट लिखाई गई थी।
इस मामले में वाद विचाराधीन है। कुछ समय पूर्व उनके खाते में पांच लाख रुपये का एक चेक जमा किया गया, जो किसी प्रीतपाल के नाम था। चेक क्लीयरेंस के दौरान जब एसएमएस आया तो पता चला कि चेक बाउंस हो गया है। मामले में पुलिस ने सुरेंद्र कौर, परमजीत सिंह, मंजीत सिंह और प्रीतपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जमीन दिलाने के नाम पर 34 लाख की ठगी
जमीन दिलाने के नाम पर 34 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। एसआइटी जांच में पाया गया कि जिस व्यक्ति ने जमीन को अपना बताते हुए रजिस्ट्री की थी, उसने जमीन खरीदी तो थी। मगर राजस्व और नगर निगम के दस्तावेजों में पूर्व स्वामी का नाम दर्ज था। डालनवाना पुलिस ने इस मामले तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
राकेश कुमार पुत्र ज्योति प्रसाद निवासी हरबर्टपुर, विकासनगर ने ईसी रोड स्थित एक प्लॉट की राशिद पुत्र लियाकत अली निवासी ग्राम अधमी, पोस्ट नन्हेड़ा, तहसील बापोली, पानीपत, हरियाणा से 19 अप्रैल 2016 को रजिस्ट्री कराई। इसके एवज में राशिद को 34 लाख रुपये दिए गए। खरीदने से पूर्व राजस्व और नगर निगम के अभिलेखों की पड़ताल में पता चला था कि राशिद ने इस जमीन की 16 फरवरी 2016 को योगेश तलवार निवासी रेसकोर्स से रजिस्ट्री कराई थी।
नगर निगम में यह जमीन योगेश व अनिल तलवार के नाम थी। राकेश का आरोप है कि जब वह जमीन पर बाउंड्रीवॉल कराने गए तो राजकुमार कक्कड़ पुत्र कांति कुमार कक्कड़ निवासी चंदरनगर वहां आया और कहने लगा कि यह जमीन उसने 5 अक्टूबर 2013 को योगेश से खरीदी है। जब उससे यह कहा गया कि जमीन नगर निगम के दस्तावेजों में अपने नाम क्यों नहीं कराई तो उसने कहा कि वह उसे चालीस लाख रुपये दे दें तो वह जमीन उनके नाम कर देगा। इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने बताया कि मामले में योगेश, राजकुमार कक्कड़ व राशिद के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर विवेचना मनोज नेगी को सौंपी गई है।